Monday, November 24, 2008

प्रेस विज्ञप्ति

दिल्ली के वरिष्ठ नेता प्रो जगदीश मुखी ने आज एक संवाददाता समेलन को संबोधित करते हुए कहा की कांग्रेस की सरकार गरीब विरोधी है। दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का मामला हो, पुनर्वास कॉलोनियों को मालिकाना हक़ देने की बात हो झुग्गी झोपरी में रहने वाले लोगों को एक कमरे का मकान देने की बात हो, वह दिल्ली के लोगों को पिछले १० वर्षों से सब्ज्बाघ दिखा रही है।

पिछले नगर निगम के चुनावों के पूर्व भी हजारों होअर्डिंग लगवाकर मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित एवं केन्द्रीय शेहरी विकास राज्य मंत्री श्री अजय माकन ने अनियमित कॉलोनियों को नियमित करने की घोषणा कर अपनी पीठ थपथपाई थी। किन्तो आज तक उन कॉलोनियों का नियमन नहीं किया गया। अब ठीक विधान सभा चुनावों से पहले अस्थायी नियमन प्रमाण पत्र जारी कर दिल्ली वासियों को गुमराह किया है। अस्थायी नियमन प्रमाण पत्र की कानूनी वैधता नकली मुद्रा के समान है। जबकि २४ मार्च २००८ को जो अधिसूचना केन्द्रीय शेहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी उन्हें पूरा करना सम्भव ही नही है। अगर वास्तव में दिल्ली की सरकार दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों को नियामत करना चाहती तो सबसे पहले अधिसूचना की शर्तों से संशोधन करती और सभी अनधिकृत कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाएँ प्रदान कराती।

प्रो मुखी ने कहा की दिल्ली में पुनर्वास कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को मालिकाना हक़ देने का निर्णय भा जा पा सरकार के समय लिया गया था, परन्तु दिल्ली में पिछले १० वर्षों से शासित भा जा पा सरकार ने उन्हें आज तक मालिकाना हक़ नही दिया और केवल मात्र खोखले वायदे कर उन्हें भ्रमित किया।

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